रांची न्यूज डेस्क: रांची में सात साल पहले बरामद हुए AK-47 और भारी मात्रा में विस्फोटकों के केस में अदालत ने आखिर फैसला सुना दिया है। सोमवार को अपर न्यायायुक्त कुलदीप की कोर्ट ने एक महिला समेत चार आरोपियों को 8 से 10 साल तक की कठोर कैद की सज़ा सुनाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेश किए गए आरोपियों में नवील अंसारी, जहिर अंसारी और मुबारक अंसारी को 10-10 साल, जबकि रजिया खातून को 8 साल की सजा मिली है।
अदालत ने चारों पर भारी जुर्माना भी लगाया है। महिला आरोपी को 15 हजार रुपये भरने होंगे, वरना उसे 18 महीने और जेल में रहना पड़ेगा। बाकी तीनों आरोपियों पर 35-35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है और रकम न देने पर ढाई साल अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। कोर्ट ने 2 नवंबर को इन्हें दोषी करार दिया था और अब सजा का ऐलान कर दिया गया।
ये कार्रवाई 26 मार्च 2018 की है, जब कोतवाली डीएसपी की अगुवाई में पुलिस टीम ने हिंदपीढ़ी इलाके में एक घर पर छापा मारा था। चारों आरोपी यहाँ मुस्ताक नाम के व्यक्ति के मकान में किराये पर रहते थे और घर में भारी मात्रा में हथियार छिपा रखे थे। पुलिस को एक बोरे से AK-47 राइफल, 3 मैगज़ीन, 6 देसी पिस्तौल, 56 जिंदा कारतूस और 250—250 ग्राम के दो पैकेट विस्फोटक मिले थे।
कोर्ट ने माना कि बरामद हथियार सिर्फ गैरकानूनी गतिविधियों के लिए ही रखे गए थे। इसी आधार पर आर्म्स एक्ट की गंभीर धाराओं और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत इन्हें सख्त सज़ा दी गई है। इस फैसले के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को राहत मिली है कि इतने खतरनाक हथियार गिरोह के हाथों से निकलकर सुरक्षित हो चुके हैं।